100 साल तक जिस जमीन को मसीही समाज ने संवारा कोरबा विधायक ने राजस्व मंत्री बनते ही अपने समाज को दे दिया उपहार में ! मुस्लिम समाज की हिमायती रहे जयसिंह अब कर चुके है किनारा, पूरा मामला जानने पढ़े ये खबर..
कोरबा – ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़ न्यूज़ नेटवर्क – पिछले कुछ दिनों से मसीही समाज में एक बात को लेकर रोष देखा जा रहा है लोग आपस में एक दूसरे से सवाल पूछ रहे है कि मसीह समाज की 100 वर्ष पुरानी जमीन को आखिर किसने छीना है ? हमारे पास समाज से जुड़े कुछ लोगो ने फोन कर इस मुद्दे को उठाने का आग्रह किया कि कोरबा शहर के मध्य में मिशन स्कूल और पास के क्षेत्रों को कोरबा शहर में मिशन कंपाउंड के नाम से शहर के हर कोई जानता है कोरबा शहर जब अपने किशोरावस्था में भी नहीं पहुंचा था तब से मिशन कंपाउंड शहर की पहचान रहा है। यहां 1919 में मेनोनाइट चर्च 100 साल से स्थापित है पास ही स्कूल का भी कईयों दशकों से संचालित है।
शेष पड़ी भूमि को अंग्रेजो के जमाने से समाज के लोग संरक्षित व सुरक्षित रखते संवारे हुए थे।
पर विगत वर्षों में मसीह समाज के जमीन पर शहर के एक राजनेता की नजर टेड़ी हो गई और सत्ता के दम पर उसे मसीह समाज से छीन लिया गया !
ऐसा नहीं है की इसमें समाज की ओर से विरोध नहीं किया गया!
लेकिन विरोध की आवाज़ को सत्ता का भय दिखा दबा दिया गया।
जो न समझे उनको माया के मोह में बागी बना दिया।
आज वही लोग दबीं जुबान से अपनी ग़लती पर अफ़सोस कर रहे हैं और अपने आप को कोस रहे हैं की हम सब ने मिलकर कैसा जनप्रतिनिधि चुना है जो हमारे समाज की विरासत को दूसरो को बांट रहा है।
समाज की 100 साल पुरानी जमीन को मसीह समाज से छीन कर अपनी राजनीति चमकाने में लगा हुआ है, ऐसा खुला आरोप शहर विधायक पर समाज की ओर से लगाया जा रहा है।
आपको बताते चलें की कांग्रेस के कट्टर समर्थक में क्रिश्चन व मुस्लिम समाज के मतदाता माने जाते हैं।
जो हमेशा से कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में ही वोट करते आए है।
पर कोरबा में एक ऐसे ही समाज को कांग्रेस पार्टी द्वारा छला गया।
दूसरी ओर मुस्लिम समाज से मंत्री पहले ही किनारा कर चुके है।
पहले ईद, बकरीद, मुहर्रम के बाद अब ईद मिलादुल नबी में भी समाज के लोगो के पास मंत्री जी के चरण नहीं पहुंचे। न ही उनके मुंह से शुभकामना संदेश निकल रहा है
जिनके दम पर अब तक नगर सरकार के बेताज बादशाह रहे है मंत्री जी कि इस चुनाव में क्या स्थिति होगी कहना जल्दबाजी होगी लेकिन इनको दरकिनार कर चुनाव जीतने का रास्ता अभी तो साफ नहीं दिखता है क्योंकि नाराजगी का लेवल दोनो समाजों में आज की तारीख में बहुत हाई है।