BREAKING : स्कूल की हालत बदतर, दीवारें और छत जर्जर
मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर – छत्तीसगढ़ में सरकार ने आत्मानंद स्कूलों के जरिए शिक्षा व्यवस्था को सुधारने का बीड़ा उठाया.जिसके तहत कई जिलों के अंदर आत्मानंद स्कूलों की स्थापना की गई. इन स्कूलों में अंग्रेजी शिक्षा के साथ-साथ हिंदी में भी शिक्षकों की व्यवस्था की गई.बच्चों को 12वीं तक नि:शुल्क उच्च स्तर की शिक्षा इन स्कूलों के जरिए दी जाती है.बावजूद इसके प्रदेश के कुछ जिलों में सरकारी स्कूलों की हालत बद से बदतर है.ताजा मामला मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले का है.जहां के भरतपुर सोनहत मुख्तियार पारा सरकारी स्कूल अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है.
चुनाव से पहले सरकार और जनप्रतिनिधि पूरे प्रदेश में विकास की गंगा बहाने की बात कह रही है. लेकिन भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र के मुख्तियार पारा गांव की तस्वीरें कुछ और ही बयां कर रही है.इस गांव में ग्रामीण बच्चों को शिक्षित करने के लिए प्राथमिक शाला का संचालन होता है.लेकिन इसे बच्चों की बदनसीबी ही कहेंगे कि ये स्कूल एक निजी भवन में संचालित है.जहां बच्चों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
मुख्तियार पारा में संचालित प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक से लेकर पांचवीं तक का क्लास संचालित है. जिसमें लगभग पैंतालीस छात्र छात्राएं पढ़ाई करते हैं.लेकिन स्कूल की हालत काफी खराब है. इस स्कूल में पढ़ने वाले छात्र ने बताया कि स्कूल की दीवारें और छत जर्जर हो चुके हैं.जिसकी वजह से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. इसलिए बच्चे किराए के स्कूल के बरामदे में पढ़ाई करते हैं.