कोरबा – गरीबों का मसीहा रज्जाक अली जो खुद मुस्लिम परिवार में जन्म लिया लेकिन हिंदू परिवार में परवरिश होकर पले बढ़े होने का दावा करता था अब वो उसी बाहुबलि नेता की सरपरस्ती में सर झुकाए खड़ा नजर आ रहा है, जिसकी खिलाफत अब से 2 दिन पहले तक करता रहा है। रज्जाक को साधने में कोरबा के राजस्व मंत्री ने पैसे का जोर दिखाया या बाहुबल का या फिर प्रेम की राग अलापी ये तो कहना जल्दबाजी होगी लेकिन रज्जाक आज जयसिंह का मुरीद हो गया है। रज्जाक का पहले वो वीडियो देखिए जिसमे वो पानी पी पीकर कोरबा के विधायक और राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की खिलाफत करते बिना उनका नाम लिए कोरबा में माफियाओं का बोल बाला होने की बात कर रहा है।
तो सुना आपने रज्जाक के ये बोल 2 दिन पुराने है चौक चौराहे पर राजस्व मंत्री के खिलाफ अपशब्द कहने वाला रज्जाक अब उनका ही हो गया है। जयसिंह अग्रवाल के अंदर उसको धर्मात्मा नजर आने लगा है इसमें उसके ही कुछ सजातीय भाइयों समेत मंत्री के कुछ दरबारियों की भूमिका है लेकिन बदले सुर में रज्जाक अब कुछ इस तरह नजर आता है।
इधर रज्जाक के समर्थक उसको ही गाली देते आगे उस पर कभी भरोसा नहीं करने की बात कह रहे है। रज्जाक के उत्साह में कमी 30 अक्टूबर से देखने को मिल रही थी। जहां कोरबा विधानसभा से JCCJ ने पहले रज्जाक अली को अपना प्रत्याशी घोषित किया और फिर उनके ढूलमूल रवैय्या की रिपोर्ट मिलते ही उनका B-फार्म रोक दिया। B-फार्म नही मिलने पर इसका ठिकरा नेताजी ने पहले तो आशंका जताते हुए राजस्व मंत्री पर फोड़ दिया। लेकिन नाम वापसी के दिन नेताजी के सारे तेवर उस वक्त ठंडे पढ़ गये, जब उन्होने अपना नाम वापस लेकर उसी मंत्री को समर्थन में उतर गये, जिसे वो 24 घंटे पहले तक चुनावी दंगल में नुकसान पहुंचाने की चुनौती दे रहे थे। कलेक्टोरेट में ही मीडिया के सामने बी-फार्म रूकने के पीछे राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का दबाव होने की आशंका जताते हुए अपना बयान नेताजी ने दे दिया। मीडिया से बातचीत में भी कांग्रेस से JCCJ में आये रज्जाक ने खुद के साथ हुए राजनीति में कांग्रेस प्रत्याशी का हाथ होने की आशंका जताते हुए निर्दलीय चुनाव लड़कर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने का दावा किया गया। लेकिन 2 नवंबर को नाम वापसी के दिन निर्दलीय प्रत्याशी रज्जाक अली ने अपना नाम वापस लेने के बाद राजस्व मंत्री को अपना समर्थन देते हुए मंत्री की तारीफ करते दिखे। साफ है चुनावी माहौल में मौके की नजाकत को देखते हुए लिये गये इस फैसले के बाद शहर में चर्चाओं का दौर जारी है। खैर कोरबा विधानसभा की बात करे तो यहां पिछले 15 साल से विधायक जयसिंह अग्रवाल और बीजेपी के प्रत्याशी लखनलाल देवांगन के बीच सीधा मुकाबला है। रही बात दल-बदल की राजनीति करने वाले रज्जाक अली की ,तो उनका पैर कभी एक पार्टी में नही टिका। अंदर खाने रिपोर्ट की माने तो कांग्रेस-जोगी कांग्रेस की राजनीति करने वाले रज्जाक अली का नाम घोषित होने के बाद से ही JCCJ कोरबा के पदाधिकारी काफी नाराज थे। उन्होने पहले ही पार्टी हाईकमान को दल-बदल का शिकार होने की आशंका जता दी गयी थी।। यहीं वजह है कि पार्टी हाईकमान ने ऐन वक्त में रज्जाक अली का B-फार्म रोक दिया। अब कांग्रेस के प्रत्याशी का समर्थन करने की जानकारी सामने आने के बाद JCCJ के नेता ये कहते हुए नजर आ रहे है कि उनका अनुमान बिल्कुल सही निकला। यदि पार्टी उनकी बात को नजर अंदाज करके B- फार्म देकर प्रत्याशी बनाती, तो कोरबा में भी मंतूराम पार्ट-2 जैसा कांड हो जाता।