BREAKING : सिंहदेव का मुकाबला पुराने करीबी सहयोगी से, अब भाजपा के उम्मीदवार राजेश अग्रवाल
अंबिकापुर – छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है अंबिकापुर। यहां से उप मुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में है। सिंहदेव का मुकाबला अपने पुराने करीबी रहे अब भाजपा के उम्मीदवार राजेश अग्रवाल से है।
छत्तीसगढ़ कभी मध्य प्रदेश का हिस्सा हुआ करता था और यह राज्य 2000 में अस्तित्व में आया। नवगठित राज्य के तौर पर अस्तित्व में आने के बाद अंबिकापुर में अब तक चार विधानसभा चुनाव हुए हैं। वर्ष 2003 में यह सीट आरक्षित थी, मगर 2008 में परिसीमन में यह सीट सामान्य हो गई और यहां अब तक हुए तीन चुनाव में सिंहदेव ने जीत हासिल की है। बीते तीन चुनाव की स्थिति पर गौर करें तो वर्ष 2008 के चुनाव में सिंहदेव ने भाजपा के युवा उम्मीदवार अनुराग सिंहदेव को लगभग 1000 वोट से हराया था, मगर बाद में यह अंतर लगातार बढ़ता गया।
वर्ष 2013 में साढे 19 हजार तो 2018 में साढे 39 हजार वोटो से जीत दर्ज की। इन तीनों ही चुनाव में उप- मुख्यमंत्री सिंहदेव ने भाजपा के अनुराग सिंहदेव को शिकस्त दी। भाजपा ने इस बार बदलाव करते हुए राजेश अग्रवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है। राजेश अग्रवाल कभी कांग्रेस में थे और उनकी गिनती सिंहदेव के करीबियों में होती थी। वह लखनपुर नगर पंचायत के अध्यक्ष भी रहे हैं। वे व्यापारी हैं और भाजपा के लिए बेहतर उम्मीदवार। इसकी वजह भी है क्योंकि राजेश अग्रवाल ने सियासी तौर पर लंबा समय सिंहदेव के साथ गुजारा है और वह सिंहदेव की कमियां और खूबियां दोनों को जानते हैं।
टी एस सिंहदेव सरगुजा राजघराने के अंतिम राजा के तौर पर गिने जाते हैं। सिंहासन पर बैठने वाले वे अंतिम राजा हैं। उन्हें स्थानीय लोग टीएस बाबा भी कहते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सिंहदेव भले ही राजघराने से नाता रखते हैं मगर उनका अपने क्षेत्र की जनता से सीधा संवाद रहता है और वे समस्याओं में खुद रुचि लेते हैं। चुनाव है इसलिए किसी को भी हल्का नहीं आंका जाना चाहिए। राजेश अग्रवाल उनके पुराने गरीबी रहे हैं, इसलिए मुकाबला रोचक नजर जरूर आएगा।