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मधुमिता शुक्ला हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की निधि शुक्ला की याचिका, कहा- हाई कोर्ट जाएं

सुप्रीम कोर्ट ने मधुमिता शुक्ला की हत्या से जुड़े मामले में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की समय से पहले रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है. ये याचिका मधुमिता की बहन निधि शुक्ला की ओर से दाखिल की गई थी. जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पीबी वराले की पीठ ने निधि शुक्ला को इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने की सलाह दी है.

 

उत्तर प्रदेश कारागार विभाग ने राज्य की 2018 की छूट नीति का हवाला देते हुए 2023 में अमरमणि त्रिपाठी की समयपूर्व रिहाई का आदेश जारी किया था, क्योंकि उन्होंने 16 साल का कारावास पूरा कर लिया था. निधि शुक्ला की याचिका खारिज करते हुए सु्प्रीम कोर्ट ने कहा कि वो संबंधित हाई कोर्ट का रुख करें. पीठ ने पूछा, किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है.

याचिकाकर्ता को संरक्षण देने से इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को संरक्षण देने से भी इनकार कर दिया. यूपी सरकार के आदेश का हवाला देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि कारागार विभाग ने दोषियों की उम्र और अच्छे आचरण को समय से पहले उनकी रिहाई का आधार बताया था, क्योंकि अमरमणि 66 साल और मधुमणि 61 साल की थीं.

 

2003 में लखनऊ में हुई थी मधुमिता की हत्या

बता दें कि मधुमिता शुक्ला की 9 मई 2003 को लखनऊ की पेपर मिल कॉलोनी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उस समय वो गर्भवती थीं. कथित तौर पर अमरमणि के साथ उनके प्रेम संबंध थे. इस मामले में सितंबर 2003 में अमरमणि को गिरफ्तार किया गया था. देहरादून की एक अदालत ने अक्टूबर 2007 में अमरमणि और उनकी पत्नी को मधुमिता की हत्या मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. बाद में नैनीताल हाई कोर्ट ने और सुप्रीम कोर्ट ने दंपति की सजा को बरकरार रखा था. मधुमिता हत्याकांड की जांच सीबीआई ने की थी.

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