चोरी करने की ‘कंपनी’! पाड़ी गैंग में थे 70 चेहरे… महिलाएं करती थीं सरगना की मदद; ऐसे खुली पोल

मध्य प्रदेश में 70 महिला और पुरुषों वाले कुख्यात पाड़ी गैंग ने बवाल मचाया हुआ था. पाड़ी गैंग के सदस्य रांची की सड़कों पर गुब्बारे-खिलौने बेचने के बहाने घूम कर बंद पड़े घरों की रेकी किया करते थे. पहले वह देखते थे कि कौन से घर में ताले लगे हुए हैं और कौन से घर में पैसे वालों का ठिकाना है. इसके बाद सारी जानकारी निकालकर वह साजिश के तहत उन्हीं बंद पड़े घरों पर धावा बोलते और चंद मिनट में लाखों के सोने चांदी के आभूषण लेकर फरार हो जाते थे.
अब इस अंतर्राज्यीय पाड़ी गैंग पर रांची पुलिस ने शिकंजा कसा और कामयाबी हासिल की. इसी कुख्यात बड़ी चोरी करने वाले पाड़ी गैंग के सरगना मंगल सिंह पाड़ी उर्फ दातित्या , शंकर कन्हैया सोलंकी, जूजू आदिवासी के साथ-साथ झारखंड के रामगढ़ जिला के ही रहने वाले जेवर व्यवसाय मनीष कटारिया और रोशन कुमार को गिरफ्तार किया है. इन गिरफ्तार आरोपियों के पास से चोरी के 7.25 लाख रुपए के सोने-चांदी के जेवरात समेत कई आभूषण बरामद किए गए हैं.
सीसीटीवी फुटेज चेक किए गए
इसके साथ ही घर की चोरी करने के दौरान ताला तोड़ने के लिए इस्तेमाल में लाई जाने वाली अन्य सामग्रियों को भी बरामद किया है. राजधानी रांची में मध्य प्रदेश के कुख्यात चोरी करने वाले गिरोह के सरगना सहित पांच आरोपियों के गिरफ्तारी के बाद मामले का खुलासा करते हुए रांची के सिटी एसपी राजकुमार मेहता ने बताया कि शहर में लगातार बढ़ती चोरियों को लेकर सदर डीएसपी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया था. गठित टीम ने कई जगहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर पूरे मामले को उजागर किया.
40 लाख के गहने और नगदी की चोरी
इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. दरअसल, राजधानी रांची के सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत बूटी बस्ती के रहने वाले कुलेश ओहदार का परिवार उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में फरवरी महीने में चल रहे महाकुंभ में स्नान करने के लिए गया था. इसी दौरान उनके घर से लगभग 40 लाख रुपए के गहने और नगदी की चोरी हुई थी. इसे लेकर उन्होंने रांची के सदर थाना क्षेत्र में केस दर्ज कराया था.
गैंग के सदस्य 1 साल से कर रहे थे चोरी
इस मामले में रांची के एसएसपी के निर्देश पर रांची के सिटी एसपी ने सदर डीएसपी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया था. इस टीम ने गैंग का खुलासा किया. गिरफ्तार गैंग के सदस्यों ने बताया कि पिछले लगभग एक साल से वह राजधानी रांची के अलग-अलग इलाकों में दिन में गुब्बारे और खिलौने बेचने का काम करते थे और इसी बीच बंद पड़े घरों की रेकी करते थे. फिर उन्हीं घरों को देर रात निशाना बनाते और चोरी की वारदात को अंजाम देते थे. फिर सोने चांदी के आभूषणों को रामगढ़ के स्वर्ण व्यवसाय के पास बेच दिया करते थे. अब पुलिस इस गैंग से जुड़े बाकी सदस्यों की गिरफ्तारी में जुटी हुई है.