रुपए की हुंकार के आगे डॉलर हुआ तार-तार, अब कैसे संभालेगी ट्रंप सरकार

करेंसी मार्केट में लगातार दूसरे कारोबारी दिन रुपए की हुंकार के आगे डॉलर तार-तार होता हुआ दिखाई दिया. दुनिया की बाकी करेंसी के मुकाबले में रुपए में लगातार दूसरे दिन तेजी देखने को मिली है. इस तेजी से साफ हो गया है कि आने वाले दिनों में रुपए की दहाड़ किसी भी सूरत में कम होने वाली नहीं है. वहीं दूसरी ओर डॉलर इंडेक्स भी लगातार गिरता हुआ दिखाई दे रहा है और 100 के लेवल पर आने को तैयार नहीं है. जानकारों की मानें तो जिस तरह से डोनाल्ड ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ के मोर्चे पर रियायत बरती है, अब बाकी टैरिफ पर भी रियायत बरतने की तैयारी पर भी काम हो रहा है. वैसे 10 फीसदी का बेस रेट अभी बना हुआ है.
अगर बात आंकड़ों पर बात करें तो शेयर बाजारों में तेज उछाल और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच अमेरिकी करेंसी में जारी कमजोरी के कारण मंगलवार को रुपया लगातार दूसरे सत्र में बढ़त के साथ 85.77 डॉलर पर बंद हुआ. इसके अलावा, ग्लोबल लेवल पर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, अनुकूल घरेलू महंगाई के आंकड़े और अमेरिकी प्रशासन द्वारा भारत पर 9 जुलाई तक अतिरिक्त 26 प्रतिशत टैरिफ को निलंबित करने के नवीनतम कदम से भी रुपए को सपोर्ट मिलता हुआ दिखाई दे रहा है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिरा करेंसी मार्केट में किस तरह के आंकड़े देखने को मिल रहे हैं.
रुपए में लगातार दूसरे दिन तेजी
इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में, रुपया दिन के निम्नतम स्तर 85.85 पर खुला और डॉलर के मुकाबले 85.59 के इंट्रा-डे पीक को छू गया. सेशन के अंत में रुपया 85.77 (डॉलर के मुकाबले अनंतिम) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर से 33 पैसे की बढ़त दर्शाता है. शुक्रवार के सत्र में रुपया 58 पैसे की तेज बढ़त के साथ 86.10 डॉलर के मुकाबले बंद हुआ था. इसका मतलब है कि डॉलर के मुकाबले में रुपए में 91 पैसे की तेजी देखने को मिल चुकी है. डॉ बाबा साहेब अंबेडकर जयंती के अवसर पर सोमवार को विदेशी मुद्रा बाजार बंद थे.
इनकी वजह से भी रुपए में आई तेजी
- मंगलवार को जारी नवीनतम सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि देश में थोक मूल्य मुद्रास्फीति मार्च में 6 महीने के निचले स्तर 2.05 प्रतिशत पर आ गई, क्योंकि सब्जियों, आलू और अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी आई.
- वहीं दूसरी रिटेल महंगाई के आंकड़े 5 साल से भी ज्यादा समस से नीचे आ गए हैं. इस बीच, डॉलर इंडेक्स, 0.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ 99.38 पर कारोबार कर रहा था, जो 1 मार्च, 2022 को देखा गया स्तर है.
- इंटरनेशनल मार्केट में ब्रेंट क्रूड ऑयल 0.11 प्रतिशत गिरकर अपने चार साल के निचले स्तर 64.81 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. इससे पहले अप्रैल 2021 में क्रूड इस स्तर पर पहुंचा था.
- घरेलू इक्विटी बाजार में, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,577.63 अंक या 2.10 प्रतिशत उछलकर 76,734.89 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 500.00 अंक या 2.19 प्रतिशत बढ़कर 23,328.55 पर पहुंच गया.
- एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को शुद्ध आधार पर 2,519.03 करोड़ रुपए के इक्विटी बेचे.
क्या कहते हैं जानकार?
मिराए एसेट शेयरखान के रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी ने कहा कि कमजोर अमेरिकी डॉलर इंडेक्स और घरेलू बाजारों में उछाल के कारण रुपए में तेजी आई. चौधरी ने आगे कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में रातोंरात गिरावट और पॉजिटिव मैक्रोइकॉनोमिक डेटा ने रुपए को सपोर्ट किया. हालांकि, एफआईआई आउटफ्लो ने तेज बढ़त को रोक दिया. उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में ओवरऑल कमजोरी भी निचले स्तरों पर रुपए को सपोर्ट कर सकती है. हालांकि, इंपोर्टर्स डॉलर की खरीद और एफआईआई आउटफ्लो तेज बढ़त को रोक सकते हैं. व्यापारी अमेरिका से एम्पायर स्टेट मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स डेटा से संकेत ले सकते हैं. अनुमान है कि यूएसडी-आईएनआर स्पॉट कीमत 85.40 रुपए से 86 रुपये के बीच होगी.