पार्किंग का चालान-ट्रैफिक रूल वायलेशन… भारतीय छात्रों का वीजा रद्द करने के लिए घटिया बहाने बना रहा अमेरिका

अमेरिका में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों को इन दिनों बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अमेरिका की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, वहां वीजा रद्द होने और छात्रों का रिकॉर्ड बंद किए जाने के सबसे ज्यादा मामले भारत से जुड़े हुए हैं. अमेरिकन इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन (AILA) ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कुल 327 मामलों में से लगभग आधे छात्र भारत से हैं. खास बात ये है कि ये वीजा रद्द करने के लिए अमेरिका घटिया तरीके के बहाने बना रहा है.
AILA की रिपोर्ट की मानें तोवीजा रद्द होने की समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित छात्र भारतीय हैं. इस समय भारत से सबसे ज्यादा छात्र पढ़ाई के लिए अमेरिका में हैं. 2023-24 के शैक्षणिक वर्ष में कुल 3.32 लाख भारतीय छात्र अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं. इनमें से करीब 97 हजार छात्र OPT प्रोग्राम का हिस्सा हैं, जो उन्हें पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ समय तक अमेरिका में काम करने की अनुमति देता है.
OPT प्रोग्राम के छात्र सबसे ज्यादा प्रभावित
रिपोर्ट के अनुसार, जिन छात्रों का SEVIS रिकॉर्ड (एक तरह का सरकारी छात्र रिकॉर्ड सिस्टम) बंद कर दिया गया है, वे तुरंत अपनी नौकरी जारी नहीं रख सकते. खासकर वे छात्र जो अपनी पढ़ाई पूरी कर चुके हैं, उनके लिए अपनी स्थिति को फिर से सामान्य कर पाना बहुत मुश्किल हो रहा है. इसके कारण कई छात्रों की नौकरी रुक गई है और वे कानूनी रूप से भी मुश्किल में आ गए हैं.
छोटे मामलों में वीजा रद्द होना बना चिंता का कारण
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वीजा रद्द होने के पीछे कोई बड़ा अपराध या गंभीर कारण नहीं था. कई मामलों में छात्रों को केवल पार्किंग का चालान या मामूली ट्रैफिक नियम तोड़ने जैसी बातों पर निशाना बनाया गया. अधिकतर मामलों में छात्रों पर कोई आरोप साबित नहीं हुए और मामले खुद ही खत्म हो गए. सिर्फ दो मामले ऐसे पाए गए जो राजनीतिक गतिविधियों से जुड़े थे.
टेक्सास में 118 छात्रों को बड़ा झटका
पिछले हफ्ते अमेरिका के टेक्सास राज्य में 118 छात्रों को बड़ा झटका लगा, जब उन्हें बताया गया कि उनका वीजा रद्द कर दिया गया है या फिर उनका SEVIS रिकॉर्ड पूरी तरह से हटा दिया गया है. इसका सीधा असर उनके कानूनी दर्जे पर पड़ा है. SEVIS से हटने के बाद छात्र अमेरिका में रह नहीं सकते, काम नहीं कर सकते और उनके साथ आए परिवार वालों पर भी असर पड़ता है.
छात्रों के लिए स्थिति गंभीर
इस पूरी स्थिति ने भारतीय छात्रों को बहुत चिंता में डाल दिया है. वे पढ़ाई और नौकरी के बीच फंसे हुए हैं और नहीं जानते कि आगे क्या होगा. भारत सरकार और अमेरिकी अधिकारियों को इस पर ध्यान देना चाहिए ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित रहे और उन्हें बिना वजह परेशान न किया जाए.