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बिना तैयारी के रोजाना कैसे चले आते हैं, क्यों एक वकील पर तल्ख हुए जस्टिस पारदीवाला

कभी-कभी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जजों और वकीलों के बीच एक नोकझोक या फिर यूं कहें की तकरार भी देखने को मिलती है. अक्सर जज कई मौकों पर कुछ वकीलों की क्लास भी लगा देते हैं. सुप्रीम कोर्ट में आज भी कुछ ऐसा ही हुआ. जस्टिस पारदीवाला एक वकील को सुन रहे थे. इसी बीच उन्होंने वकील से पूछा कि इस सत्र का केस नंबर क्या है.

 

इस पर वकील साहब को जैसे समझ ही नहीं आया कि जस्टिस पारदीवाला क्या पूछ रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये क्या होता है. इस पर चुटकी लेते हुए जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि बहुत बढ़िया, चलिए ये बताइये कि इस मामले में आरोप कब तय किया गया था. इस पर वकील साहब आरोप बताने के बजाय बोलने लगें कि चार्जशीट दायर हुआ था.

जब जस्टिस पारदीवाला नाराज हुए!

इस दफा जस्टिस पारदीवाला बेहद सख्त हो गए. बोले – मैं पूछ रहा हूं चार्ज (सी एच ए आर जी ई) – आरोप कब तय हुआ था. जस्टिस पारदीवाला ने फिर से कहा कि आप ये बताइये कि अपराध कब हुआ. इस पर वकील साहब ने सिवाय हामी भरने के कुछ नहीं कहा.

 

आखिरकार, जस्टिस पारदीवाला बेहद नाराज हुए. कहा कि “बिना किसी तैयारी के वकील रोजाना अदालत में आ कैसे सकते हैं. ये हर दिन हो रहा है. मेरे साथी जज इस मामले में धैर्यवान है. पर इस तरह के रवैये पर मैं चुप नहीं बैठ सकता.”

6 साल से पेंडिंग ट्रायल पर कोर्ट सख्त

जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि हमे ये देखकर तकलीफ होती है कि ट्रायल साढ़े 6 साल से लंबित है. अब तक महज 23 गवाहों ही से पूछताछ हुई है. हमें ये समझ नहीं आता कि किस तरह साढ़े छः बरस में केवल 23 गवाहों ही की पड़ताल हुई. बावजूद इसके कि अपराध गंभीर है, आरोपी के पास भी स्पीडी ट्रायल का अधिकार है.

अदालत ने कहा कि ये पहले भी कहा गया है कि अगर किसी मामले में चार्जशीट दायर करने में जरुरत से ज्यादा देरी होती है, और अगर उस देरी की वजह आरोपी नहीं है तो फिर इस स्थिति में आरोपी को हमेशा ही जमानत दी जा सकती है. फिर भी हम इस दफा आरोपी को जमानत नहीं दे रहे हैं, और ट्रायल कोर्ट को एक मौका और देते हैं कि वो 6 महीने के भीतर ट्रायल पूरा करे.

अदालत ने निर्देश दिया कि अगर इस दफा ट्रायल पूरा नहीं होता है तो फिर हम संबंधित अधिकारी से इस मामले में विस्तार से जवाब मांगेगे. अदालत ने रजिस्ट्री से इस मामले को 6 महीने के बाद दोबारा लिस्ट करने को कहा.

 

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