छत्तीसगढ़

सीएम साय के निर्देश: राजस्व कार्यों में पारदर्शिता और तेजी अनिवार्य

सुशासन तिहार के आवेदनों का प्राथमिकता से निराकरण के निर्देश

रायपुर । मुख्यमंत्री साय ने शनिवार को अपने निवास कार्यालय में राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि आम नागरिकों को राजस्व सेवाओं का त्वरित और सहज लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने सुशासन तिहार के दौरान प्राप्त आवेदनों के निराकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का आदेश दिया और सभी प्रकरणों का जल्द समाधान सुनिश्चित करने पर जोर दिया।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि फौती–नामांतरण सहित सभी राजस्व प्रकरणों को तय समयसीमा में पूरा किया जाए। किसी भी तरह की लापरवाही के लिए संबंधित पटवारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने आरबीसी 6-4 के तहत पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के लिए विभागों के बीच समन्वय मजबूत करने के भी निर्देश दिए।

 

राजस्व न्यायालय का संचालन सप्ताह में कम से कम दो दिन अनिवार्य करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दो पेशियों में मामलों का निराकरण किया जाए और तिथि बढ़ाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाई जाए। उन्होंने अधिकारियों को मैदानी स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने को कहा, ताकि शासन की छवि मजबूत हो।

 

मुख्यमंत्री साय ने ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल तकनीक के अधिकतम उपयोग और डायवर्सन प्रक्रिया के सरलीकरण पर भी जोर दिया। अविवादित नामांतरण और बंटवारे के मामलों में अनावश्यक विलंब करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।

 

डिजिटल क्रॉप सर्वे की समीक्षा के दौरान उन्होंने भूमि और फसल से संबंधित जानकारी के लिए राजस्व, कृषि, खाद्य तथा आईटी विभागों की संयुक्त टीम गठित करने का आदेश दिया। राजस्व सचिव अविनाश चंपावत ने भूमि अभिलेखों के कंप्यूटरीकरण, पंजीयन के डिजिटलीकरण और राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली की प्रगति की जानकारी दी।

 

राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा कि जमीन की खरीदी-बिक्री शासन द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार ही होनी चाहिए और राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का शीघ्र समाधान कर भू-धारकों को राहत दी जानी चाहिए।

 

इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सचिव पी. दयानंद, राहुल भगत, डॉ. बसवराजू, चिप्स के सीईओ प्रभात मलिक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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