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हलक में पाकिस्तानियों की जान, भागने के लिए 24 घंटे से भी कम का समय

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े फैसले लिए हैं. इनमें से ही एक फैसला सभी पाकिस्तानियों को 48 घंटों के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया था. इसके बाद से ही पाकिस्तानियोंमें अफरा-तफरी मच गई और अपने देश वापस जाने की होड़ लग गई. यही कारण है कि अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तानियों की भारी भीड़ देखने को मिली. अब भारत के अल्टीमेटम को 24 घंटे से भी कम का समय बचा है. यही कारण है कि पाकिस्तानियों को वापस भेजने की कार्रवाई तेज हो चली है. अब तक 200 से ज्यादा पाकिस्तानी भारत छोड़ चुके हैं.

 

 

अटारी बॉर्डर पर एक बार फिर से पाकिस्तान जाने वाले लोगों की भीड़ दिखाई दे रही है. इनमें से कुछ लोग ऐसे भी हैं जोकि मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए भारत आए थे, लेकिन अब बीच में ही वापिस लौट रहे हैं. अटारी बॉर्डर पर वाहनों की कतारें बॉर्डर खुलने का इंतजार कर रही हैं. देश के लगभग सभी राज्यों से पाकिस्तानियों की वापसी के लिए सरकार की तरफ से कदम उठाए जा रहे हैं.

 

अटारी और वाघा बॉर्डर पर भारी भीड़

मीडिया रिपोर्ट की माने तो पिछले दो दिनों में वाघा-अटारी सीमा के रास्ते से 392 भारतीय नागरिक पाकिस्तान से वापस लौटे, जबकि 229 पाकिस्तानी नागरिक भारत से वापस गए हैं. आज भी बॉर्डर पर भारी भीड़ मौजूद है. भारत के अल्टीमेटम के बाद कोई भी पाकिस्तानी भारत में रुकने की रिस्क नहीं लेना चाहता है. यही कारण है कि लोग तेजी से बॉर्डर की ओर जा रहे हैं.

 

महाराष्ट्र में सरकार का एक्शन शुरू

महाराष्ट्र से अब तक 55 ऐसे पाकिस्तानी नागरिकों को राज्य सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन तरफ से इंटिमेशन भेजा गया है जो सार्क वीजा या शार्ट टर्म वीजा के तहत महाराष्ट्र में रह रहे थे. राज्य सरकार ने पाकिस्तानियों को वापस भेजने की प्रक्रिया तेज कर दी है.

 

केंद्र सरकार के निर्देश के बाद इन नागरिकों को 27 अप्रैल, रविवार तक भारत छोड़ने के आदेश जारी किए गए हैं. इस कार्रवाई को लेकर पूरे राज्य में पुलिस और खुफिया एजेंसियां सतर्क हो चुकी हैं. राज्य सरकार के अनुसार, यह अभियान केवल उन्हीं पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ चलाया जा रहा है जो SVES के अंतर्गत भारत में रह रहे थे और अब जिनके वीज़ा रद्द कर दिए गए हैं. इन वीज़ा धारकों को व्यक्तिगत, सांस्कृतिक या धार्मिक आयोजनों में भाग लेने की अनुमति मिली थी, लेकिन अब इन्हें तत्काल भारत छोड़ने के आदेश दिए गए हैं.

 

नागपुर में सबसे ज्यादा पाकिस्तानी

नागपुर जिला प्रशासन के अनुसार, शहर में करीब 2,400 पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं, जिनमें से करीब 1,000 दीर्घकालिक वीजा (LTV) पर हैं और बाकी वार्षिक वीज़ा या SVES के अंतर्गत आए थे. जिन 18 नागरिकों को निकाला जा रहा है, वे जरीपटका क्षेत्र में रह रहे हैं, जो कि पूर्व से ही पाकिस्तान से आए शरणार्थियों की बस्ती माना जाता है.

 

राज्य भर में करीब 200 पाकिस्तानी नागरिक ऐसे भी हैं जो या तो दीर्घकालिक वीजा पर रह रहे हैं या राजनयिक श्रेणी के वीज़ा धारक हैं. इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, लेकिन उनकी भी स्थिति पर नजर रखी जा रही है. उत्तराखंड से दो पाकिस्तानियों की वापसी

 

केंद्र के दिशा-निर्देशों के क्रम में उत्तराखंड में भी पाकिस्तानी नागरिकों को चिह्नित करने की प्रक्रिया तेज की गई है. अभी तक यह जानकारी सामने आई है कि देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल समेत अन्य जिलों में 250 पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं. पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ के अनुसार इनमें से 247 दीर्घकालिक वीजा पर आए हुए अधिकांश पाक हिंदू नागरिक हैं. शॉर्ट टर्म वीजा पर आए तीन पाकिस्तानी नागरिकों में से देहरादून से दो को वापस भेजा जा चुका है.

 

उत्तराखंड से दो पाकिस्तानियों की वापसी

केंद्र के दिशा-निर्देशों के क्रम में उत्तराखंड में भी पाकिस्तानी नागरिकों को चिह्नित करने की प्रक्रिया तेज की गई है. अभी तक यह जानकारी सामने आई है कि देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल समेत अन्य जिलों में 250 पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं. पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ के अनुसार इनमें से 247 दीर्घकालिक वीजा पर आए हुए अधिकांश पाक हिंदू नागरिक हैं. शॉर्ट टर्म वीजा पर आए तीन पाकिस्तानी नागरिकों में से देहरादून से दो को वापस भेजा जा चुका है.

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