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अब्दुल रहमान के पोस्टर फाड़कर विरोधी निकाल रहे भड़ास, लेकिन जनता के दिल से कैसे मिटाएंगे समर्थन?

कोरबा: नगर निगम चुनावों की सरगर्मी जोरों पर है और वार्ड 26 में निर्दलीय प्रत्याशी अब्दुल रहमान (टॉर्च छाप) को जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है। इसी बीच, उनके विरोधियों द्वारा पोस्टर और बैनर फाड़े जाने की घटनाएं सामने आई हैं। समर्थकों का कहना है कि विरोधी उनकी बढ़ती लोकप्रियता से घबराए हुए हैं, इसलिए इस तरह की ओछी हरकतें कर रहे हैं। हालांकि, वे यह भूल रहे हैं कि पोस्टर फाड़ने से विचारधारा नहीं मिटती और न ही जनता के दिलों में बसे नेता के प्रति समर्थन कम होता है।

पोस्टर फाड़ने की घटनाएं बढ़ीं

चुनाव प्रचार जोरों पर है और हर प्रत्याशी अपने तरीके से जनता तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन अब्दुल रहमान के समर्थकों ने आरोप लगाया है कि कुछ बाहरी प्रत्याशी और उनके समर्थक जानबूझकर उनके पोस्टर-बैनर फाड़ रहे हैं। यह घटना वार्ड 26 के कई इलाकों में देखने को मिली, जहां टॉर्च छाप के पोस्टर फटे हुए मिले। इससे यह साफ हो गया है कि विपक्षी खेमे में खलबली मची हुई है।

जनता का समर्थन देख घबराए विरोधी

वार्ड 26 में अब्दुल रहमान को लगातार जनता का समर्थन मिल रहा है। वे अपने पार्षद कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों और जनता के बीच सक्रिय उपस्थिति के चलते लोकप्रियता हासिल कर चुके हैं। उन्होंने क्षेत्र में सड़क, पानी, बिजली जैसी समस्याओं को हल करने के लिए कई प्रयास किए हैं, जिससे जनता में उनका प्रभाव बढ़ा है। अब जब वे फिर से चुनाव मैदान में उतरे हैं, तो विरोधी बौखलाहट में आकर इस तरह की हरकतें कर रहे हैं।

पोस्टर फाड़ने से जनता का भरोसा नहीं डगमगाएगा

अब्दुल रहमान के समर्थकों का कहना है कि इस तरह के कृत्य से उनके नेता की छवि खराब नहीं होगी, वार्ड के लोग यह अच्छी तरह जानते हैं कि कौन उनके लिए काम कर रहा है और कौन सिर्फ चुनावी मौसम में नजर आता है। पोस्टर और बैनर फाड़ने से न तो रहमान की छवि धूमिल होगी और न ही जनता का प्यार कम होगा।

साजिश के तहत किया जा रहा है हमला

इस तरह के कृत्य सिर्फ अब्दुल रहमान को चुनावी नुकसान पहुंचाने के लिए किए जा रहे हैं। उनके प्रचार को बाधित करने के लिए पोस्टर फाड़े जा रहे हैं और चुनावी माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, जनता सब देख रही है और समझ रही है कि कौन क्या कर रहा है। रहमान के समर्थकों ने इस मामले को प्रशासन तक पहुंचाने की बात भी कही है ताकि चुनाव में निष्पक्षता बनी रहे।

विरोधियों की हताशा का सबूत

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पोस्टर फाड़ने जैसी घटनाएं किसी भी चुनाव में उन दलों या प्रत्याशियों की हताशा का संकेत होती हैं, जो जनता का समर्थन पाने में असफल हो रहे होते हैं। ऐसे में जब उनके पास जनता को लुभाने के लिए कोई ठोस एजेंडा नहीं होता, तो वे विरोधियों के प्रचार को नुकसान पहुंचाने का तरीका अपनाते हैं।

जनता देगी जवाब

चुनाव में असली ताकत जनता के हाथ में होती है और यह जनता ही तय करती है कि उसे कौन प्रतिनिधित्व करेगा। वार्ड 26 के नागरिकों का कहना है कि विरोधी चाहें जितनी कोशिश कर लें, लेकिन वे अब्दुल रहमान के प्रति अपना समर्थन बनाए रखेंगे। 11 फरवरी को मतदान के दिन जनता इसका करारा जवाब देगी और विकास के नाम पर मतदान करेगी।

पोस्टर-बैनर फाड़कर विरोधी यह समझ रहे हैं कि वे अब्दुल रहमान के प्रचार को कमजोर कर देंगे, लेकिन वे यह भूल रहे हैं कि असली पोस्टर तो जनता के दिलों में लगा होता है। जिसे हटाना किसी के बस की बात नहीं।

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