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रॉकेट की तेजी से भागा शेयर बाजार, इन 5 वजहों से बढ़ा कारोबार

भारतीय शेयर बाजार में रौनक वापस आ गई है. दलाल स्ट्रीट ने ग्लोबल टेंशन के बीच जबरदस्त कमबैक किया है. 21 अप्रैल यानी सोमवार को हफ्ते के पहले कारोबारी दिन शेयर मार्केट में बंपर तेजी देखी गई. बाजार का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 855 अंकों की तेजी के साथ 79,408.50 पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी भी 24,100 अंक के पार चला गया. आइए हम आपको बताते हैं कि भारतीय शेयर बाजार में आई धुआंधार रैली के पीछे के 5 कारण कौन से हैं, जिनसे मार्केट में हरियाली देखने को मिली.

 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से टैरिफ के ऐलान के बाद से ही पूरी दुनिया में टेंशन का माहौल बना हुआ है. ट्रंप ने जब 2 अप्रैल को रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की. तब उसके बाद ग्लोबल मार्केट में भूचाल आ गया. भारतीय शेयर बाजार में भी भयंकर बिकवाली हुई. लेकिन, उसके बाद जब ट्रंप ने चीन को छोड़कर बाकी देशों पर लगाए टैरिफ को 90 दिनों के लिए पॉज किया. तब फिर से दुनिया भर के मार्केट में तेजी आ गई. इंडियन मार्केट भी ट्रंप की टैरिफ से धड़ाम हुआ. लेकिन फिर अब इसमें रिकवरी देखने को मिल रही है. आज भी मार्केट में तेजी देखी गई. आइए इसके पीछे के कारणों को समझते हैं.

 

बैंकिंग स्टॉक ने संभाला बाजार

भारतीय शेयर बाजार में सोमवार के दिन बैंकिंगे सेक्टर के स्टॉक में बंपर तेजी देखी गई, जिसके कारण मार्केट को सपोर्ट मिला. बीते दिनों कंपनियों के आखिरी तिमाही के पॉजिटिव रिजल्ट की वजह से इनमें निवेशकों का भरोसा बना. इसके साथ ही पिछले हफ्ते भी एचडीएफसी बैंक के मार्केट कैप में आई सबसे ज्यादा ग्रोथ के कारण भी इस सेक्टर में निवेशकों में खरीदारी की. कारोबार के समय HDFC बैंक 2 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,950.70 रुपये पर अपने ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया. वहीं, ICICI बैंक का शेयर भी 1 फीसदी चढ़ा.

 

विदेशी निवेशकों ने जताया भरोसा

विदेशी निवेशकों ने अपनी खरीदारी का सिलसिला जारी रखा है और 17 अप्रैल को 4,668 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी. इसके अलावा, डीआईआई ने 2,006 करोड़ रुपये के शेयर बेचकर मार्केट से मुनाफा कमाया. कुल मिलाकर पिछले तीन कारोबारी दिनों में विदेशी निवेशकों का रुख मार्केट के लिए पॉजिटिव रहा है, जिसका प्रभाव शेयर मार्केट पर देखने को मिला.

 

डॉलर इंडेक्स का कमजोर होना

सोमवार को अमेरिकी डॉलर दबाव में रहा. प्रमुख एसेट के मुकाबले यह तीन साल के निचले स्तर 97.9 पर पहुंच गया. डॉलर इंडेक्स कमजोर होने से भारतीय रुपये में तेजी देखी गई. जो 0.3% बढ़कर 85.1275 प्रति अमेरिकी डॉलर पर बंद हुआ. रुपये के मजबूत होने से निवेशकों का भरोसा मार्केट पर बढ़ा, जिसका असर कारोबार पर देखने को मिला.

 

टैरिफ पर पॉज लगना

अमेरिका की ओर से भारत सहित दुनिया 75 देशों पर 90 दिनों तक टैरिफ को पॉज करने के फैसले से निवेशकों का सेंटीमेंट बदला है. इसलिए अमेरिका सहित दुनियाभर के बाजार में रिलीफ रैली देखने को मिल रही है. टैरिफ पर पॉज का असर भारतीय मार्केट पर पड़ रहा है.

 

क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट

सोमवार को तेल की कीमतों में 2% से अधिक की गिरावट आई. इससे भी निवेशकों का सेंटीमेंट बदला और खरीदारी बढ़ी. अमेरिका और ईरान के बीच कूटनीतिक बातचीत के संकेत मिले हैं, जिससे क्रूड ऑयल की सप्लाई चेन में बढ़ोतरी की उम्मीद जगी. इसका प्रभाव भारतीय मार्केट पर देखने को मिला.

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