क्राउन प्रिंस ने मुझ पर छोड़ी गहरी छाप… विचारों से लेकर व्यापार तक अरब के साथ संबंधों क्या बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब की जमकर तारीफ की है. उन्होंने उसे एक विश्वसनीय मित्र, रणनीतिक सहयोगी और भारत के लिए सबसे मूल्यवान भागीदारों में से एक बताया है. प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब की अपनी यात्रा से पहले अरब न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में यह भी कहा कि भारत और सऊदी अरब के बीच साझेदारी में असीम संभावनाएं हैं. पीएम आज सऊदी अरब की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर रवाना हो गए हैं. यह 2016 के बाद से सऊदी अरब की उनकी तीसरी यात्रा है.
पीएम मोदी ने इंटरव्यू में सऊदी क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व की भी प्रशंसा की और उन्हें द्विपक्षीय संबंधों का एक मजबूत समर्थक और एक दूरदर्शी व्यक्ति बताया. उन्होंने कहा, ‘हर बार जब मैं उनसे मिला हूं, उन्होंने मुझ पर गहरी छाप छोड़ी है. उनकी दूरदर्शी दृष्टि और अपने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का उनका जुनून वास्तव में उल्लेखनीय है.’
सऊदी के साथ संबंधों पर बहुत गर्व- PM
2019 में रणनीतिक भागीदारी परिषद की स्थापना के बाद से द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में हुई प्रगति का आकलन करने के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मुझे सऊदी अरब के साथ अपने संबंधों पर बहुत गर्व है. सऊदी अरब भारत के सबसे मूल्यवान साझेदारों में से एक है. वह एक समुद्री पड़ोसी, एक विश्वसनीय मित्र और एक रणनीतिक सहयोगी है. हमारा संबंध नया नहीं है. यह सदियों पुराने सभ्यतागत आदान-प्रदान पर आधारित है. विचारों से लेकर व्यापार तक, हमारे दो महान देशों के बीच निरंतर प्रवाह रहा है.’
पीएम मोदी ने IMEEC पहल पर बात
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और सऊदी के बीच संबंध 2014 से ही लगातार बेहतर होते जा रहे हैं. अनिश्चितताओं से भरी दुनिया में यह रिश्ता स्थिरता के स्तंभ के रूप में मजबूत है. पीएम मोदी ने IMEEC पहल के बारे में भी बात की, जिसकी घोषणा सितंबर 2023 में दिल्ली में की गई थी. उन्होंने कहा कि यह कॉरिडोर आने वाली सदियों के लिए सभी रूपों में कनेक्टिविटी के भविष्य को परिभाषित करेगा. यह पूरे क्षेत्र में कॉमर्स, कनेक्टिविटी और ग्रोथ का प्रमुख उत्प्रेरक बन जाएगा. यह कॉरिडोर सभी रूपों में कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, चाहे वह फिजिकल हो या डिजिटल.
‘कॉरिडोर की सफलता में भारत-सऊदी महत्वपूर्ण भूमिका’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इससे लचीली और भरोसेमंद सप्लाई चेन के डवेलपमेंट में मदद मिलेगी, व्यापार सुगमता बढ़ेगी और व्यापार सुविधा में सुधार होगा. यह कॉरिडोर दक्षता बढ़ाएगा, लागत कम करेगा, आर्थिक एकता को बढ़ाएगा, रोजगार पैदा करेगा और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करेगा, जिसके चलते एशिया, यूरोप और मध्य पूर्व का ट्रांसफॉर्मेशन इंटीग्रेशन होगा. इस कॉरिडोर की सफलता में भारत और सऊदी अरब दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका है. हम मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी, डेटा कनेक्टिविटी और इलेक्ट्रिकल ग्रिड कनेक्टिविटी सहित कनेक्टिविटी के विजन को साकार करने के लिए अपने सऊदी भागीदारों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम इस पहल के तहत स्वच्छ और हरित हाइड्रोजन और संबंधित सप्लाई चेन पर काम कर रहे हैं.’